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"हर सुबह एक नया मौका है — उठो, सीखो, बढ़ो और खुद को साबित करो।"

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"हर सुबह एक नया मौका है — उठो, सीखो, बढ़ो और खुद को साबित करो।" 🌟 प्रेरणादायक कहानी: "एक नया सवेरा" (150 पंक्तियाँ,) गाँव के एक छोटे से कोने में अर्जुन नाम का एक लड़का रहता था। वह बहुत ही साधारण परिवार से था। उसके पिता एक किसान थे और माँ घर संभालती थी। अर्जुन का सपना था कि वह एक दिन बड़ा आदमी बने और अपने माता-पिता का नाम रोशन करे। लेकिन हालात हमेशा उसके खिलाफ रहते थे। स्कूल में किताबें खरीदने के लिए पैसे नहीं होते थे, फिर भी वह टूटता नहीं था। वह अपने दोस्त से पुरानी किताबें मांग कर पढ़ाई करता था। हर दिन सूरज उगने से पहले वह खेतों में पिता की मदद करता और फिर स्कूल जाता। स्कूल से लौटते समय भी वह खेतों में काम करता। पढ़ाई में वह हमेशा अव्वल आता। गाँव के लोग उसकी मेहनत की तारीफ करते थे लेकिन कुछ लोग उसका मजाक भी उड़ाते थे। कहते, “अरे किसान का बेटा है, क्या करेगा इतना पढ़ लिख के?” लेकिन अर्जुन जानता था कि जवाब मेहनत से देना है, बातों से नहीं। एक दिन गाँव में एक प्रतियोगिता हुई, जिसमें जिले के सारे होशियार बच्चे बुलाए गए। इसमें विज्ञान परियोजना बनानी थी। अर्जुन ने अपने ...

एक नया अवसर है खुद को साबित करने का।".

 एक नया अवसर है खुद को साबित करने का। हर सुबह एक नया आरंभ है, एक नया अवसर है खुद को साबित करने का।" ज़िन्दगी एक संघर्ष है, लेकिन ये संघर्ष ही हमें निखारते हैं। कई बार हम थक जाते हैं, टूट जाते हैं, और सोचते हैं कि अब आगे बढ़ना मुमकिन नहीं। लेकिन ठीक उसी मोड़ पर आपकी असली जीत छुपी होती है। याद रखो, सूरज भी अंधेरे के बाद ही चमकता है। हर उस दिन को गिनो जब तुमने हार मानने की जगह कोशिश करना चुना। कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता, और आत्मविश्वास ही तुम्हारा सबसे बड़ा हथियार है। जब लोग कहें कि "तुम नहीं कर सकते," तो उन्हें अपने कर्मों से जवाब दो, अपने परिणामों से चुप करा दो। हर असफलता एक सीख है, और हर सीख एक कदम है सफलता की ओर। खुद से वादा करो कि तुम थकोगे, लेकिन रुकोगे नहीं। गिरोगे, लेकिन हार नहीं मानोगे। क्योंकि दुनिया उन्हीं को सलाम करती है जो हालातों के खिलाफ जाकर जीतते हैं। आज का दिन तुम्हारा है — इसे ऐसा बनाओ कि कल का तुम खुद पर गर्व कर सको।

दोस्त का जवाब dost ka jawab

  दोस्त का जवाब बहुत समय पहले की बात है , दो दोस्त बीहड़ इलाकों से होकर शहर जा रहे थे . गर्मी बहुत अधिक होने के कारण वो बीच -बीच में रुकते और आराम करते . उन्होंने अपने साथ खाने-पीने की भी कुछ चीजें रखी हुई थीं . जब दोपहर में उन्हें भूख लगी तो दोनों ने एक जगह बैठकर खाने का विचार किया|         खाना खाते – खाते दोनों में किसी बात को लेकर बहस छिड गयी ..और धीरे -धीरे बात इतनी बढ़ गयी कि एक दोस्त ने दूसरे को थप्पड़ मार दिया .पर थप्पड़ खाने के बाद भी दूसरा दोस्त चुप रहा और कोई विरोध नहीं किया ….बस उसने पेड़ की एक टहनी उठाई और उससे मिटटी पर लिख दिया “ आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मुझे थप्पड़ मारा ” थोड़ी देर बाद उन्होंने पुनः यात्रा शुरू की , मन मुटाव होने के कारण वो बिना एक -दूसरे से बात किये आगे बढ़ते जा रहे थे कि तभी थप्पड़ खाए दोस्त के चीखने की आवाज़ आई , वह गलती से दलदल में फँस गया था …दूसरे दोस्त ने तेजी दिखाते हुए उसकी मदद की और उसे दलदल से निकाल दिया| इस बार भी वह दोस्त कुछ नहीं बोला उसने बस एक नुकीला पत्थर उठाया और एक विशाल पेड़ के तने पर लिखने लगा ” आज मेरे सब...

आज ही क्यों नहीं ? Aaj hi kiu nhi aaj h to kiu h

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  आज ही क्यों नहीं ? एक बार की बात है कि एक शिष्य अपने गुरु का बहुत आदर-सम्मान किया करता था |गुरु भी अपने इस शिष्य से बहुत स्नेह करते थे लेकिन वह शिष्य अपने अध्ययन के प्रति आलसी और स्वभाव से दीर्घसूत्री था | सदा स्वाध्याय से दूर भागने की कोशिश करता तथा आज के काम को कल के लिए छोड़ दिया करता था | अब गुरूजी कुछ चिंतित रहने लगे कि कहीं उनका यह शिष्य जीवन-संग्राम में पराजित न हो जाये| आलस्य में व्यक्ति को अकर्मण्य बनाने की पूरी सामर्थ्य होती है | ऐसा व्यक्ति बिना परिश्रम के ही फलोपभोग की कामना करता है| वह शीघ्र निर्णय नहीं ले सकता और यदि ले भी लेता है, तो उसे कार्यान्वित नहीं कर पाता| यहाँ तक कि अपने पर्यावरण के प्रति भी सजग नहीं रहता है और न भाग्य द्वारा प्रदत्त सुअवसरों का लाभ उठाने की कला में ही प्रवीण हो पता है | उन्होंने मन ही मन अपने शिष्य के कल्याण के लिए एक योजना बना ली | एक दिन एक काले पत्थर का एक टुकड़ा उसके हाथ में देते हुए गुरु जी ने कहा –‘मैं तुम्हें यह जादुई पत्थर का टुकड़ा, दो दिन के लिए दे कर, कहीं दूसरे गाँव जा रहा हूँ| जिस भी लोहे की वस्तु को तुम इससे स्पर्श करोगे| वह ...

गुरु और शिष्य पर हिंदी कहानी

  गुरु और शिष्य पर हिंदी कहानी एक बार एक शिष्य ने विनम्रतापूर्वक अपने गुरु जी से पूछा- ‘गुरु जी,कुछ लोग कहते हैं कि जीवन एक संघर्ष है, कुछ अन्य कहते हैं कि जीवन एक खेल है और कुछ जीवन को एक उत्सव की संज्ञा देते हैं | इनमें कौन सही है?’ गुरु जी ने तत्काल बड़े ही धैर्यपूर्वक उत्तर दिया- पुत्र,जिन्हें गुरु नहीं मिला उनके लिए जीवन एक संघर्ष है; जिन्हें गुरु मिल गया उनका जीवन एक खेल है और जो लोग गुरु द्वारा बताये गए मार्ग पर चलने लगते हैं, मात्र वे ही जीवन को एक उत्सव का नाम देने का साहस जुटा पाते हैं| यह उत्तर सुनने के बाद भी शिष्य पूरी तरह से संतुष्ट न था| गुरु जी को इसका आभास हो गया |वे कहने लगे-‘लो, तुम्हें इसी सन्दर्भ में एक कहानी सुनाता हूँ|ध्यान से सुनोगे तो स्वयं ही अपने प्रश्न का उत्तर पा सकोगे |’ उन्होंने जो कहानी सुनाई,वह इस प्रकार थी- एक बार की बात है कि किसी गुरुकुल में तीन शिष्यों नें अपना अध्ययन सम्पूर्ण करने पर अपने गुरु जी से यह बताने के लिए विनती की कि उन्हें गुरुदाक्षिणा में, उनसे क्या चाहिए |गुरु जी पहले तो मंद-मंद मुस्कराये और फिर बड़े स्नेहपूर्वक कहने लगे-‘मुझे तुमस...

सफलता का रहस्य Secret of Success

  सफलता का रहस्य Secret of Success एक बार एक नौजवान लड़के ने सुकरात से पूछा कि सफलता का रहस्य क्या है? सुकरात ने उस लड़के से कहा कि तुम कल मुझे नदी के किनारे मिलो और वो मिले| फिर सुकरात ने नौजवान से उनके साथ नदी की तरफ बढ़ने को कहा| और जब आगे बढ़ते-बढ़ते पानी गले तक पहुँच गया, तभी अचानक सुकरात ने उस लड़के का सर पकड़ के पानी में डुबो दिया| लड़का बाहर निकलने के लिए संघर्ष करने लगा| लेकिन सुकरात ताकतवर था और उसे तब तक डुबोये रखे जब तक की वो नीला नहीं पड़ने लगा | फिर सुकरात ने उसका सर पानी से बाहर निकाल दिया और बाहर निकलते ही जो चीज उस लड़के ने सबसे पहले की, वो थी हाँफते-हाँफते तेजी से सांस लेना| सुकरात ने पूछा ,”जब तुम वहाँ थे तो तुम सबसे ज्यादा क्या चाहते थे?” लड़के ने उत्तर दिया, "सांस लेना|" सुकरात ने कहा, "यही सफलता का रहस्य है|  जब तुम सफलता को उतनी ही बुरी तरह से चाहोगे जितना की तुम सांस लेना चाहते थे, तो वो तुम्हे मिल जाएगी|  इसके आलावा और कोई रहस्य नहीं है| दोस्तों, जब आप सिर्फ और सिर्फ एक चीज चाहते हैं तो more often than not… वो चीज आपको मिल जाती है| जैसे छोटे बच्च...

ज़िन्दगी के पत्थर, कंकड़ और रेत

  ज़िन्दगी के पत्थर, कंकड़ और रेत Philosophy के एक Professor ने कुछ चीजों के साथ क्लास में प्रवेश किया| जब क्लास शुरू हुई तो उन्होंने एक बड़ा सा खाली शीशे का जार लिया और उसमे पत्थर के बड़े-बड़े टुकड़े भरने लगे| फिर उन्होंने छात्रों से पूछा कि क्या जार भर गया है ? और सभी ने कहा “हाँ”| तब प्रोफ़ेसर ने छोटे-छोटे कंकडों से भरा एक बॉक्स लिया और उन्हें जार में भरने लगे| जार को थोडा हिलाने पर ये कंकड़ पत्थरों के बीच Settle हो गए| एक बार फिर उन्होंने छात्रों से पूछा कि क्या जार भर गया है? और सभी ने हाँ में उत्तर दिया| तभी Professor ने एक sand box निकाला और उसमे भरी रेत को जार में डालने लगे| रेत ने बची-खुची जगह भी भर दी| और एक बार फिर उन्होंने पूछा कि क्या जार भर गया है? और सभी ने एक साथ उत्तर दिया , ” हाँ”| फिर professor ने समझाना शुरू किया, ” मैं चाहता हूँ कि आप इस बात को समझें कि ये जार आपकी life को represent करता है| बड़े-बड़े पत्थर आपके जीवन की ज़रूरी चीजें हैं| आपकी family,आपका partner,आपकी health, आपके बच्चे ऐसी चीजें हैं कि अगर आपकी बाकी सारी चीजें खो भी जाएँ और सिर्फ ये रहे तो भी ...